
नरपत जाणी राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक छोटे से गाँव रेडाना के निवासी हैं, जिन्होंने शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके पिता का नाम बालाराम जाणी, माता का नाम रुखमा देवी तथा दादा जी का नाम मगाराम जाणी है। नरपत जाणी का जीवन संघर्ष, समर्पण और सामाजिक उत्थान का प्रतीक है। वे एक शिक्षक, प्रेरक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में युवाओं में अत्यंत लोकप्रिय हैं। उन्होंने शिक्षा को केवल रोजगार का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का साधन माना। इसी सोच के साथ उन्होंने 2014 में CCI (Choice Career Institute) की स्थापना की, जहां हजारों युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर अपने भविष्य को आकार दे रहे हैं। उनका सबसे बड़ा योगदान OBC आरक्षण से जुड़ी विसंगतियों को दूर करने में रहा, जहाँ उन्होंने लाखों युवाओं के साथ मिलकर सरकार को आवश्यक सुधार लागू करने के लिए बाध्य किया। आज वे हजारों युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं और सामाजिक बदलाव की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं।
प्रारंभिक जीवन
नरपत जाणी का जन्म 5 जून 1993 को बाड़मेर जिले के गांव रेडाना में हुआ। यह गाँव सीमित संसाधनों वाला, लेकिन आत्मसम्मान और संघर्ष की भावना से भरपूर था। वे एक साधारण किसान परिवार में पले-बढ़े, जहाँ धार्मिक और सामाजिक मूल्य बचपन से ही उनके जीवन का हिस्सा बन गए।
बचपन से ही नरपत में नेतृत्व क्षमता, आत्मनिर्भरता और सामाजिक चिंतन की झलक दिखाई देने लगी थी। गांव में ही उन्होंने कक्षा 7 तक की शिक्षा प्राप्त की और पढ़ाई के प्रति उनकी गहरी रुचि विकसित हुई। वे पढ़ाई में कुशाग्र थे और अपने साथियों की मदद करना उन्हें आनंद देता था। यही स्वभाव आगे चलकर उन्हें एक प्रभावशाली शिक्षक और समाज को सही दिशा देने वाला व्यक्तित्व बना गया। उनका बचपन संघर्षपूर्ण था, लेकिन उन्होंने अपने कठिन अनुभवों को कभी कमजोरी नहीं बनने दिया—बल्कि उन्हें प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्तंभ बना लिया।
शिक्षा
नरपत जाणी की शिक्षा यात्रा साधारण गाँव से शुरू होकर उच्च शिक्षण संस्थानों तक पहुँची। उन्होंने कक्षा 7 तक की प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव रेडाना में प्राप्त की, फिर कक्षा 8 से 12वीं तक की पढ़ाई बाड़मेर स्थित Mayur Nobel Senior Secondary School से की।
इसके बाद उन्होंने सरकारी कॉलेज, बाड़मेर से B.Sc (स्नातक) और भूगोल में M.Sc (परास्नातक) की डिग्री प्राप्त की।
साथ ही उन्होंने B.Ed किया जिससे उन्हें शिक्षक बनने की योग्यता मिली।
उन्होंने शिक्षा को केवल डिग्री तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे सामाजिक परिवर्तन और युवाओं को सशक्त बनाने का माध्यम बनाया।
नरपत जाणी का परिचय
नाम | नरपत जाणी |
पिता का नाम | बालाराम |
माता का नाम | रुखमा देवी |
दादा का नाम | मगाराम जाणी |
शिक्षा | B.Sc (स्नातक) |
भूगोल विषय में | M.Sc (परास्नातक) डिग्री |
जॉब | सरकारी शिक्षक |
(CCI) की शुरुआत | 2014 |
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Youtube | Youtube |
शिक्षण करियर
B.Ed पूर्ण करने के बाद नरपत जाणी ने एक शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उनका मानना था कि एक शिक्षक केवल विषय नहीं पढ़ाता, बल्कि भावी नागरिकों का निर्माण करता है। इसी सोच के साथ उन्होंने 2014 में Choice Career Institute (CCI) की स्थापना की।
यह संस्थान आज बाड़मेर और आसपास के जिलों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रमुख केंद्र बन चुका है। यहाँ वे REET, TET, Patwar, Police, SSC, और अन्य सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं। वे विद्यार्थियों को न केवल पाठ्य सामग्री सिखाते हैं, बल्कि आत्मविश्वास, नेतृत्व और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे जीवनमूल्य भी प्रदान करते हैं। उनका यह कार्य क्षेत्रीय शिक्षा, रोजगार और आत्मनिर्भरता को नई दिशा देता है।
OBC आरक्षण और सामाजिक सुधार
2018 में राजस्थान में OBC वर्ग के लिए आरक्षण नीति में कुछ विसंगतियाँ उभरकर सामने आईं, जिससे हजारों युवा प्रभावित हुए। नरपत जाणी ने इसे एक गंभीर सामाजिक समस्या के रूप में पहचाना और इसके खिलाफ संगठित प्रयास आरंभ किए। उन्होंने CCI Institute के माध्यम से युवाओं को संगठित किया और OBC अधिकारों को लेकर राज्य भर में जागरूकता अभियान चलाया। विभिन्न जिलों में ज्ञापन देने के बावजूद जब सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया, तो उन्होंने जनआंदोलन की रणनीति तैयार की। उनका नेतृत्व धीरे-धीरे युवाओं की आवाज़ बन गया और इस सामाजिक सुधार आंदोलन ने एक नई दिशा ले ली।
जयपुर आंदोलन
सरकार की निष्क्रियता को देखते हुए नरपत जाणी ने 2022 में जयपुर में एक विशाल जनआंदोलन की घोषणा की। 30 सितंबर 2022 को जयपुर में आयोजित इस रैली में राजस्थान के कोने-कोने से हजारों युवा एकत्र हुए। यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण, अनुशासित और मुद्दों पर आधारित था, जिससे सरकार को मजबूरन बातचीत की मेज़ पर आना पड़ा।
इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के परिणामस्वरूप सरकार ने OBC आरक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण विसंगतियों को दूर किया।
यह न केवल प्रशासनिक सुधार था, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि भी बनी।
प्रमुख उपलब्धियाँ
- जिला स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाना
- हजारों युवाओं को संगठित करना
- सरकार से सीधी वार्ता कर समाधान प्राप्त करना
- OBC आरक्षण की विसंगतियाँ दूर कराना
CCI Institute की भूमिका
Choice Career Institute (CCI) की स्थापना नरपत जाणी द्वारा 2014 में की गई। इस संस्थान का उद्देश्य युवाओं को केवल परीक्षा की तैयारी कराना नहीं, बल्कि उन्हें नेतृत्व, आत्मनिर्भरता और सामाजिक चेतना के लिए तैयार करना है।CCI आज बाड़मेर ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का एक प्रतिष्ठित नाम बन चुका है। यहाँ छात्र REET, TET, SSC, Patwar, Police, जैसी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। संस्थान में विशेष ध्यान OBC, SC, ST और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को दिया जाता है। यह केवल एक कोचिंग संस्थान नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और बदलाव की पाठशाला है।

नरपत जाणी स्वयं विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं, उनका मार्गदर्शन करते हैं और उन्हें प्रेरित करते हैं। वे परीक्षा सफलता के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण के विचार को भी शिक्षा में शामिल करते हैं। उनकी सोच है कि जब तक विद्यार्थी आत्मनिर्भर और जागरूक नहीं होंगे, तब तक समाज में स्थायी परिवर्तन संभव नहीं।
उनका संस्थान अब डिजिटल प्लेटफॉर्म की दिशा में भी अग्रसर है, जिससे दूरदराज़ के ग्रामीण छात्र भी लाभ उठा सकें।
इस प्रकार CCI Institute आज शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और करियर विकास का एक समर्पित केंद्र बन चुका है।
व्यक्तित्व और नेतृत्व
• दृढ़ निश्चयी व साहसी – बिना डरे सच्चाई के पक्ष में खड़े होते हैं।
• सामाजिक समरसता के समर्थक – केवल OBC नहीं, बल्कि सभी पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए समर्पित।
• शिक्षक की छवि – ज्ञान, मार्गदर्शन, प्रेरणा और सामाजिक दृष्टिकोण का अद्वितीय संगम।
• संगठनात्मक क्षमता – हजारों युवाओं को संगठित करने में कुशल।
• जनप्रतिनिधित्व की क्षमता – युवाओं की आवाज़ बनकर नीति परिवर्तन करवाने वाले।
नरपत जाणी का जीवन एक सामान्य ग्रामीण परिवेश से निकलकर असाधारण नेतृत्व की प्रेरणादायक यात्रा है।
उन्होंने अपने संघर्ष, नेतृत्व और शिक्षा के माध्यम से हजारों युवाओं की सोच और भविष्य को नई दिशा दी है।
OBC आरक्षण में विसंगतियों को दूर करने में उनका योगदान केवल एक नीति सुधार नहीं था, बल्कि यह सामाजिक न्याय और समरसता की ऐतिहासिक विजय थी।
उन्होंने यह दिखाया कि जब नेतृत्व उद्देश्यपूर्ण और जनसेवा के लिए हो, तो सरकारें भी झुकती हैं और नीतियाँ भी बदलती हैं।
उनकी स्थापना CCI Institute आज केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की प्रयोगशाला है।
वे शिक्षा को केवल ज्ञान नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का औजार मानते हैं।
आज वे युवाओं के लिए सिर्फ एक शिक्षक नहीं, बल्कि एक विचार, एक मिशन और एक आंदोलन का नाम बन चुके हैं।
राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे देश में ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो शिक्षा और सामाजिक न्याय के बीच सेतु बना सके।
नरपत जाणी उन विरले लोगों में से हैं जो केवल परिवर्तन की बात नहीं करते, बल्कि उसे कर के दिखाते हैं।
भविष्य में वे निश्चित रूप से राजस्थान की सामाजिक और शैक्षिक पुनर्जागरण की कहानी में स्वर्णिम अध्याय जोड़ने वाले हैं।
अपनी सफलता का श्रेय
नरपत जाणी अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, ताऊजी, गुरुजन, परिवार और प्रशंसक बंधुओं को देते हैं। वे मानते हैं कि उनके जीवन में जो भी उपलब्धियाँ हैं, वे उनके अपनों के आशीर्वाद और सहयोग के कारण ही संभव हुई हैं।