नितिन जयराम गडकरी का जन्म 27 मई 1957 को महाराष्ट्र के नागपुर शहर में हुआ। वे एक साधारण लेकिन संस्कारी ब्राह्मण परिवार से आते हैं। उनके पिता जयराम गडकरी और माता भानुताई गडकरी ने अपने बच्चों को सादगी, ईमानदारी और परिश्रम की शिक्षा दी। गडकरी के बचपन का अधिकांश समय नागपुर में ही बीता।
उन्होंने नागपुर के स्कूलों से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। पढ़ाई में वे हमेशा तेज़ रहे और सामाजिक गतिविधियों में भी भाग लेते थे। आगे चलकर उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से वाणिज्य (M.Com) और कानून (LL.B.) की डिग्री हासिल की। यही नहीं, उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट और औद्योगिक प्रशासन में भी प्रशिक्षण लिया, जिससे उनके व्यक्तित्व में नेतृत्व और प्रबंधन की गहराई जुड़ गई।
बचपन से ही उनमें आत्मविश्वास और संगठन क्षमता दिखाई देती थी। दोस्तों और सहपाठियों में वे सदैव मददगार और मार्गदर्शक बने रहते। यही आदत आगे चलकर उनके राजनीतिक करियर की नींव बनी। नागपुर, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मुख्यालय है, ने गडकरी के विचारों को भी गहराई से प्रभावित किया।
उनका परिवार आर्थिक रूप से बहुत संपन्न नहीं था। कई बार पढ़ाई और जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ा। लेकिन गडकरी ने इन कठिनाइयों को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। वे मानते थे कि संघर्ष ही इंसान को मजबूत बनाता है। इस सोच ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने और चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा दी।
यही शिक्षा और सामाजिक अनुभव नितिन गडकरी को एक साधारण युवक से भविष्य का बड़ा नेता बनाने वाले थे।
छात्र राजनीति से राष्ट्रीय स्तर तक
गडकरी का राजनीतिक सफर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से शुरू हुआ। कॉलेज जीवन में ही उन्होंने ABVP से जुड़कर छात्रों के मुद्दों पर आवाज उठाई। उनकी भाषण कला, संगठन क्षमता और तेज़ दिमाग ने उन्हें युवा नेताओं के बीच लोकप्रिय बना दिया।
बहुत कम उम्र में ही उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) का अध्यक्ष बनाया गया। यह किसी भी युवा नेता के लिए बड़ा अवसर था और गडकरी ने इसे बेहतरीन ढंग से निभाया। उनका लक्ष्य युवाओं को राजनीति और सामाजिक कार्यों में जोड़ना था।
1970 और 80 के दशक में वे लगातार युवाओं और किसानों के मुद्दों पर सक्रिय रहे। उन्होंने बेरोजगारी, शिक्षा और विकास से जुड़े कई आंदोलनों का नेतृत्व किया। गडकरी का मानना था कि राजनीति केवल सत्ता प्राप्ति का साधन नहीं, बल्कि समाज को सही दिशा देने का माध्यम है।
इन प्रयासों के कारण वे धीरे-धीरे महाराष्ट्र भाजपा की धुरी बन गए और एक मजबूत संगठनकर्ता के रूप में पहचान बनाई।
महाराष्ट्र में मंत्री पद और मुंबई–पुणे एक्सप्रेसवे
1995 में महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनी और नितिन गडकरी को लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री नियुक्त किया गया। यह उनकी जिंदगी का महत्वपूर्ण मोड़ था।
मंत्री बनने के बाद गडकरी ने बुनियादी ढांचे को सुधारने पर जोर दिया। उनका सबसे बड़ा योगदान था मुंबई–पुणे एक्सप्रेसवे का निर्माण। यह भारत का पहला आधुनिक हाईवे था, जिसे विश्वस्तरीय मानकों पर बनाया गया। लंबे समय से यह परियोजना कागजों में पड़ी थी, लेकिन गडकरी ने निजी निवेश और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल का इस्तेमाल कर इसे रिकॉर्ड समय में पूरा करवाया।
इसके अलावा उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों किलोमीटर सड़कों का निर्माण करवाया। विदर्भ और मराठवाड़ा जैसे पिछड़े क्षेत्रों को सड़क नेटवर्क से जोड़ा। शहरी क्षेत्रों में फ्लाईओवर और पुलों का निर्माण भी उनके कार्यकाल में हुआ।
गडकरी का प्रशासनिक दृष्टिकोण अलग था। वे काम में तेजी और समयबद्धता पर जोर देते थे। उनका कहना था-काम चाहिए, बहाने नहीं। यही कारण था कि उनकी कार्यशैली ने महाराष्ट्र की सड़क व्यवस्था की तस्वीर बदल दी।
इन्हीं उपलब्धियों की वजह से उन्हें “सड़क पुरुष” (Highway Man of India) कहा जाने लगा।
नितिन गडकरी का संक्षिप्त परिचय
विवरण | जानकारी |
पूरा नाम | नितिन जयराम गडकरी |
जन्म तिथि | 27 मई 1957 |
जन्म स्थान | नागपुर, महाराष्ट्र |
पिता का नाम | जयराम गडकरी |
माता का नाम | भानुताई गडकरी |
पत्नी का नाम | कंचन गडकरी |
पुत्र | निखिल, सारंग |
पुत्री | केतकी |
शिक्षा | M.Com, LLB, बिजनेस मैनेजमेंट |
व्यवसाय | राजनेता, उद्यमी |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
लोकसभा क्षेत्र | नागपुर |
सोशल अकाउंट | Twitter, Facebook, Instagram (official) |
कुल संपत्ति | लगभग 25–30 करोड़ (चुनाव हलफनामे अनुसार) |
भाजपा में राष्ट्रीय नेतृत्व
2004 में नितिन गडकरी को महाराष्ट्र भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। संगठन चलाने में उनकी क्षमता को देखते हुए उन्हें 2009 में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उस समय वे केवल 52 वर्ष के थे और पार्टी इतिहास में सबसे कम उम्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।
उनके कार्यकाल में भाजपा ने संगठनात्मक स्तर पर बड़े बदलाव देखे। उन्होंने पार्टी में युवाओं को अधिक अवसर दिए, आईटी और टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाया और चुनावी रणनीतियों में आधुनिकता लाई। गडकरी का जोर कार्यकर्ताओं को सशक्त करने और बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने पर था।
उन्होंने भाजपा को नए ढंग से खड़ा करने और कांग्रेस के लंबे समय से चले आ रहे वर्चस्व को चुनौती देने की नींव रखी।
केंद्र सरकार में मंत्री पद
2014 में नितिन गडकरी नागपुर से लोकसभा सांसद बने और मोदी सरकार में उन्हें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री बनाया गया। इसके अलावा उन्होंने समय-समय पर शिपिंग मंत्रालय और MSME मंत्रालय भी संभाला।
उनके कार्यकाल में:
- भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 60% से अधिक वृद्धि हुई।
- “भारत माला परियोजना” और “प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना” को गति मिली।
- इलेक्ट्रिक वाहनों, इथेनॉल और हरे ईंधन को बढ़ावा दिया गया।
- कई बड़े हाइवे कॉरिडोर और नदी जलमार्ग प्रोजेक्ट पूरे किए गए।
उनकी गिनती आज देश के सबसे प्रभावी केंद्रीय मंत्रियों में होती है।
औद्योगिक और सामाजिक योगदान
गडकरी राजनीति के अलावा एक सफल सामाजिक उद्यमी भी हैं। उन्होंने ग्रामीण और सहकारी क्षेत्र में कई संस्थान शुरू किए।
- Purti Group के तहत चीनी मिल और बिजली उत्पादन प्रोजेक्ट शुरू किए।
- सहकारी कागज मिल और कोऑपरेटिव ट्रस्ट की स्थापना की।
- किसानों की आय बढ़ाने और रोजगार सृजन के लिए कई औद्योगिक पहलें कीं।
उनका मानना है कि विकास तभी सार्थक है जब वह पर्यावरण-अनुकूल हो। इसी वजह से वे ग्रीन फ्यूल, सौर ऊर्जा और जैविक कृषि को बढ़ावा देते हैं।
व्यक्तिगत जीवन
नितिन गडकरी का विवाह कंचन गडकरी से हुआ है। उनके तीन बच्चे हैं-निखिल, सारंग और केतकी। गडकरी का परिवार हमेशा सादगी और पारंपरिक मूल्यों से जुड़ा रहा है। वे नागपुर में रहते हैं और राजनीति की व्यस्तता के बावजूद परिवार को समय देते हैं। वे व्यक्तिगत जीवन में धार्मिक और आध्यात्मिक भी हैं, लेकिन आधुनिक विचारों को भी महत्व देते हैं। उनका मानना है कि जीवन में संतुलन जरूरी है।
लेखन और सम्मान
गडकरी ने संगठन और प्रबंधन पर कई किताबें लिखी हैं। उनका लेखन नेतृत्व, कार्य संस्कृति और सामाजिक संगठन पर केंद्रित है। हाल ही में उन्हें “लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार” सहित कई सम्मानों से नवाजा गया। उनकी पहचान एक ऐसे नेता की है जो बातों से ज्यादा काम के परिणामों पर विश्वास करते हैं। नितिन गडकरी भारतीय राजनीति के उन नेताओं में हैं जो काम बोलता है के सिद्धांत पर चलते हैं। चाहे मुंबई–पुणे एक्सप्रेसवे हो, भारतमाला परियोजना हो या ग्रीन फ्यूल का सपना-उन्होंने हमेशा भविष्य की दृष्टि के साथ काम किया है आज वे भाजपा ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर क्रांति के शिल्पकार माने जाते हैं।