
अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI171, जो एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान थी, टेकऑफ़ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह विमान लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ था, लेकिन नियति ने इसका रास्ता बदल दिया।
विमान जैसे ही हवा में कुछ सौ फुट की ऊंचाई पर पहुंचा, वह अचानक संतुलन खो बैठा और मेघानीनगर क्षेत्र में स्थित बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास भवन पर आ गिरा। यह दुर्घटना इतनी भीषण थी कि पूरे इलाके में आग फैल गई और इमारत का बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया।
क्षति और हताहतों की संख्या
दुर्घटना में कुल 265 लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें विमान में सवार 241 यात्री और चालक दल के सदस्य, और ग्राउंड पर मौजूद लगभग दो दर्जन अन्य लोग शामिल थे। इसके अलावा कई छात्र भी घायल हुए, जो मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में मौजूद थे। अद्भुत रूप से एक व्यक्ति जीवित बचा-ब्रिटिश मूल के भारतीय नागरिक विश्वास कुमार रमेश जो फिलहाल अहमदाबाद सिविल अस्पताल में उपचाराधीन हैं। यह उनकी किस्मत और साहस की मिसाल है कि वे इस भयावह मंजर से बच निकले।
बचाव और राहत कार्य
दुर्घटना के तुरंत बाद दमकल विभाग, स्थानीय पुलिस, NDRF और अन्य आपदा राहत बल घटनास्थल पर पहुंचे। आग बुझाने और मलबा हटाने का कार्य कई घंटों तक चलता रहा। कुल 260 शव अब तक मलबे से बरामद किए जा चुके हैं और उनकी पहचान डीएनए जांच द्वारा की जा रही है। सभी शवों को अहमदाबाद सिविल अस्पताल भेजा गया जहां पीड़ितों के परिवारों को शव सौंपे जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
टाटा ग्रुप की मानवीय पहल
एयर इंडिया की स्वामित्व कंपनी टाटा ग्रुप ने दुर्घटना के तुरंत बाद मुआवजे की घोषणा करते हुए बताया कि:
- प्रत्येक मृतक के परिजन को ₹1 करोड़ का मुआवजा मिलेगा।
- घायल यात्रियों और ज़मीनी लोगों के इलाज का पूरा खर्च टाटा ग्रुप उठाएगा।
- जिस मेडिकल कॉलेज का छात्रावास क्षतिग्रस्त हुआ है उसके पुनर्निर्माण में भी सहयोग किया जाएगा।
टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने इस हादसे को गहरा व्यक्तिगत और राष्ट्रीय शोक बताया और कहा कि कंपनी पीड़ित परिवारों के साथ हर कदम पर खड़ी रहेगी।
प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया और दौरा
13 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया और उसके बाद सिविल अस्पताल जाकर घायल यात्रियों से मुलाकात की। उन्होंने स्थिति की समीक्षा की और ट्विटर पर कहा:-यह त्रासदी अत्यंत पीड़ादायक है। इसने हम सभी को झकझोर दिया है। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।
प्रधानमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी जो इस दुर्घटना में मारे गए, की पत्नी अंजलि रूपानी से भी मुलाकात की और दुख साझा किया।
दुर्घटना की जांच
दुर्घटना की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जा रही है। इसके साथ ही बोइंग कंपनी अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) और FAA की टीमें भी इस जांच में भारत सरकार की सहायता कर रही हैं।
अब तक कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की तलाश अब भी जारी है। शुरुआती अनुमान यह बता रहे हैं कि टेकऑफ के समय विमान के फ्लैप्स पूरी तरह खुले नहीं थे और गर्म मौसम के कारण ईंधन भार अधिक था जिससे विमान पर्याप्त लिफ्ट नहीं बना पाया।
विश्व नेताओं की संवेदनाएँ
इस बड़े हादसे पर न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी दुख व्यक्त किया।
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर
- इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू
- यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की
सभी ने संवेदना संदेश भेजे और पीड़ितों के परिवारों के लिए प्रार्थना की।
भारत के इतिहास में एक बड़ी विमान दुर्घटना
यह दुर्घटना भारत के आधुनिक इतिहास की सबसे घातक विमान दुर्घटनाओं में से एक बन गई है। इससे पहले 1996 में हरियाणा के चर्खी दादरी में हुई विमान टक्कर दुर्घटना में 349 लोग मारे गए थे। AI171 हादसा अब उस दुखद सूची में दूसरे स्थान पर खड़ा है।
देश की आँखों में आँसू
एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 की यह दुर्घटना भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक विमानन उद्योग के लिए एक चेतावनी है। यह हादसा एक सामान्य दिन को इतिहास का हिस्सा बना गया-एक ऐसा दिन जिसे कोई भी नहीं भूल पाएगा। मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए देश उनके परिवारों के साथ खड़ा है। टाटा ग्रुप की सहायता सरकार की त्वरित कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय सहयोग इस त्रासदी को संभालने में मदद कर रहे हैं पर यह घाव लंबे समय तक भारत के दिल में रहेगा।