
राजस्थान में इस समय मौसम ने अचानक रुख बदल लिया है। एक ओर प्रदेश के कुछ इलाकों में प्री-मानसून की बूंदाबांदी ने गर्मी से राहत दी है, तो दूसरी ओर कई जिलों में अब भी लू जैसे हालात बने हुए हैं। शुक्रवार को मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए बताया कि आने वाले कुछ घंटों में राज्य के 21 जिलों में बारिश और तेज हवाएं चलने की आशंका है।
मौसम की यह दोहरी स्थिति लोगों को राहत और परेशानी दोनों दे रही है। जिन क्षेत्रों में तापमान बेहद अधिक है, वहां बारिश की उम्मीद से लोग राहत की आस लगाए हुए हैं। हालांकि, विभाग ने साथ ही चेतावनी भी दी है कि खराब मौसम के दौरान सतर्कता बरतनी बेहद जरूरी है।
तेज सतही हवाएं और गरज-चमक के साथ हल्की बारिश कुछ जगहों पर दर्ज की जा सकती है। मौसम विभाग की मानें तो यह बदलाव आने वाले दिनों में और व्यापक हो सकता है। विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि बारिश और तूफानी हवाओं के समय सतर्क रहें और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें।
किन जिलों में हो सकती है बारिश
मौसम विभाग ने शुक्रवार दोपहर को एक ताजा चेतावनी जारी करते हुए बताया कि अगले कुछ घंटों में राज्य के 21 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। जिन जिलों में मौसम सक्रिय हो सकता है, उनमें शामिल हैं: जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, सिरोही, राजसमंद, भीलवाड़ा, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, कोटा, बूंदी, उदयपुर, सीकर, जालोर, नागौर, बारां, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ आदि।
इन क्षेत्रों में बादलों की गड़गड़ाहट के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं, और कहीं-कहीं हल्की वर्षा देखने को मिल सकती है। विभाग के अनुसार, यह एक अस्थायी लेकिन प्रभावशाली प्री-मानसून गतिविधि हो सकती है, जिससे मौसम कुछ समय के लिए ठंडा हो सकता है।
यह भी संभावना जताई गई है कि कुछ स्थानों पर मौसम अचानक बिगड़ सकता है, इसलिए लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। मौसम विभाग ने विशेष रूप से किसानों और ग्रामीण इलाकों के निवासियों को सचेत रहने की सलाह दी है, ताकि वे फसलों और जानवरों की सुरक्षा के उचित इंतज़ाम कर सकें।
सावधानी जरूरी मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान पूरी सतर्कता बरतें। बिजली चमकने या मेघगर्जन की स्थिति में खुले स्थानों पर खड़ा न रहें और विशेष रूप से पेड़ों के नीचे शरण लेने से बचें।
विभाग ने यह भी सलाह दी है कि घरों में सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को प्लग से निकाल दें और सुरक्षित स्थान पर रखें। जब तक मौसम शांत न हो जाए, तब तक घर के अंदर रहना ही बेहतर रहेगा।
गांवों और खेतों में कार्य कर रहे लोगों को भी चेताया गया है कि बारिश और गरज के समय छिपने के लिए सुरक्षित पक्के स्थानों का चयन करें। ऐसे में सावधानी ही सुरक्षा की कुंजी है।
गर्मी का कहर भी जारी श्रीगंगानगर में पारा पहुंचा 49.4 डिग्री
राजस्थान में जहां कुछ क्षेत्रों में बारिश की उम्मीद है, वहीं कई इलाकों में भीषण गर्मी से जनजीवन प्रभावित है। शुक्रवार को श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान 49.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से करीब 8 डिग्री अधिक है। यह इस सीजन का सबसे अधिक तापमान है। ऐतिहासिक रूप से, 14 जून 1934 को यहां 50 डिग्री तापमान रिकॉर्ड हुआ था।
अन्य जिलों में भी तापमान अत्यधिक रहा
- चुरू – 47.6°C
- जैसलमेर – 46.9°C
- बीकानेर – 46.4°C
- जोधपुर – 46.3°C
- फलोदी और बाड़मेर – 46.2°C
- पिलानी – 45.4°C
- लूणकरणसर – 45.2°C
- पाली, फतेहपुर – 45.0°C
- चित्तौड़गढ़ – 44.9°C
- संगरिया – 44.6°C
- झुंझुनूं, जयपुर – 44.5°C
- नागौर – 44.4°C
इन आंकड़ों से साफ है कि प्रदेश के बड़े हिस्से में गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
21 जून के बाद और तेज होगी मानसूनी गतिविधि
मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि राज्य में प्री-मानसून की गतिविधियां अगले कुछ दिनों में और अधिक सक्रिय हो सकती हैं। खासकर 21 जून के आसपास, राजस्थान में बारिश की तीव्रता बढ़ने की प्रबल संभावना जताई गई है। यह दौर कई क्षेत्रों को प्रभावित करेगा और तापमान में उल्लेखनीय गिरावट आ सकती है।
मौसम विभाग का कहना है कि आंधी, गरज और बौछारों का प्रभाव 48 घंटों तक बना रह सकता है, जिससे अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है। इससे लोगों को भीषण गर्मी से कुछ हद तक राहत मिलने की उम्मीद है।
यह परिवर्तन खेती-किसानी के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। जहां एक ओर किसानों को बारिश की शुरुआत का इंतजार है, वहीं यह बदलाव खेतों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
विभाग ने साथ ही यह भी कहा है कि मानसूनी बादलों की आमद धीरे-धीरे राज्य के पश्चिमी हिस्सों से शुरू होगी और फिर पूर्वी जिलों तक पहुंचेगी। इस बदलाव को देखते हुए नागरिकों को मौसम अपडेट्स पर नज़र बनाए रखने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है।