
भारत की भूमी देव भूमी कहलाती है याहां समय-समय पर अनेकों संत महात्माओं ने जन्म लिया अपने धर्म की ध्वजा का परस्म फहराया और देश के नाम को आगे बढ़ाया| लोंगो के अन्दर धर्म की आस्था को जगाया| ऐसे ही एक संत के बारे में हम आज आपको इस पोस्ट में बताने वाले है| महंत प्रताप पूरी जी महाराज का जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले से 12 किलोमीटर दक्षिण में महाबार गांव में हुआ| इनके पिता का नाम बलवंत सिंह है और माता का नाम हरकुँवर था| प्रताप पूरी जी ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा बाड़मेर के लीलसर गाँव से पूरी की| उसके बाद वो शास्त्र की शिक्षा हरियाणा के चेशायर जिले के गुरुकुल से पूर्ण की |
प्रताप पूरी महाराज का परिचय
नाम | महंत प्रताप पूरी |
जन्म | 14 अप्रैल 1964 |
जन्म स्थान | गांव – महाबार जिला – बाड़मेर (राजस्थान) |
पेशा | अध्यात्मिक गुरु, राजनीतिज्ञ |
माता | हरकुँवर |
पिता | बलवंत सिंह |
शिक्षा | लीलसर बाड़मेर और हरियाणा से |
धर्म | हिन्दू |
गुरु | मोहनपुरी जी महाराज |
राजनीती पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
महंत प्रताप पूरी के जन्म का रहस्य
बलवंत सिंह के कोई संतान नही थी एक समय एक संत जोहली फिरते हुए महाबार बलवंत सिंह के घर पहुचा| तो परिवार के लोंगो ने बाबा जी को सारी बात बताई संत ने आशीर्वाद दिया बोले करे गुरु महाराज भली जिसके परिणाम शुरूप उनके संताने हुईं| जब प्रताप पूरी जी अपनी माता के गर्भ में थे तब इनके माता जी को किसी पागल कुते ने काट लिया था तब इनकी माता जी बहुत डर गई थी इस वजह से उन्होंने इस घटना के बारे में परिवार में किसी को नही बताया| पागल कुते के काटने के ढाई दिन बाद उनके शरीर पर रेबीज के कीटाणु फैल गए इन कीटाणु के प्रभाव से इनकी माता जी पागलो की तरह हरकतें करनी शुरू कर दी| पागल कुते के काटने पर इंसान हमेशा भागने की कोशिस करता है| ठीक वेसा ही हुआ इनकी माता जी के साथ एक बार तो अपने घर से निकलकर गाँव की और भागने लगी तब परिवार वालो ने देखा तो पिछा किया थोड़ी दूर जाके बेहोश होके इनकी माता जी गिर पड़ी वहाँ जाके लोंगो ने देखा तो उनके मुह से झाग निकल रहे| यह देख सब लोग परेशान हो गये तभी किसी गाँव के जानकार आदमी ने बताया इनको किसी पागल कुते ने काटा है| थोड़े टाइम बाद जब होश आया तब उनको पूछा क्या आपको किसी कुते ने काटा तब इनकी माता जी ने पूरी घटना बताई|
तब परिवार वाले उनके गर्भवती होने के कारण दोनों के जान का खतरा होने के कारण उनके पुरे परिवार वाले पूरी तरह से चिंतित होने लगे तब परिवार वालो ने पहले तो बाड़मेर हॉस्पिटल लेके गए लेकिन उसे कोई फर्क नही पड़ा फिर इधर उधर से झाड़ो मंत्रो लो के पास गए कुछ फर्क नही पड़ा| तभी गाँव के किसी सज्जन ने बताया की आपको इन्हे तारातरा मठ लेकर के जाना चाहिए| वहाँ पर मोहनपुरी जी नाम के महाराज रहते है उनके पास बहुत सक्ती है वह इन्हे जरुर ठीक कर सकते है| तब प्रताप पूरी जी के परिवार वाले उनकी माता जी को तारातरा मठ लेके आये| और मोहनपुरी जी महाराज को सारी घटना बताई की बाबा जी दो जीव जा रहे है अब आप ही बचा सकते हो और हाथ जोड़ कर निवेदन करने लगे| मोहनपुरी जी अन्तरयामी थे उन्होंने ध्यान किया और जोत जगा के रात भर जोत के पास बैठे रहे और सुबह बोले ठाकुर साब चिता मत करो बालक होगा और संत बनेगा हमारा काम करेगा आपका नाम करेगा| ठीक वैसा ही हुआ थोड़े दिन बाद उनके पुत्र हुआ जिनका नाम प्रताप पूरी रखा गया |

प्रताप पूरी जी महाराज का तारातरा मठ जाना
जब प्रताप पूरी जी 5 साल के थे तब वो बहुत रोते थे| तब परिवार वाले समझ गए की मोहनपुरी कहा था बालक होगा हमारा शिष्य बना देना ये इसी वजह से रोरहा है तब परिवार वाले प्रताप पूरी को तारातरा मठ लेके गए और मोहनपुरी जी का शिष्य बना दिया| और फिर मोहनपुरी जी ने उनको शिक्षा ग्रहण करवाई उनको स्कूल में दाखिला कराया और प्रताप पूरी जी की पढने में बहुत रुचि थे वो स्कूल में हमेशा प्रथम आते थे| एक बार प्रताप पूरी जी ओमानन्द महाराज की किताब पढ़ रहे थे| उस किताब को पढने के बाद वो उस किताब से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने आगे की पढाई गुरुकुल से करने का मन बना लिया और आगे की पढाई के लिए हरियाणा गुरुकुल से की| गुरुकुल में पढ़ते हुए प्रताप पूरी लाल बहादुर शास्त्री और स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित हुए और देश और गौ सेवा करने का मन बना लिया और वहाँ से वापस तारातरा मठ आगए| यहाँ रहकर वो अपनी सामाजिक एकता महिला सस्क्तिक्र्ण और बहुत सारे विषयों पर भाषण देते है|
मोहनपुरी जी प्रताप पूरी जी को माऊट आबू में आगे की पढाई के लिए भेजना चाहते थे लेकिन प्रताप पूरी जी ने हरियाणा के झज्जर महाविद्यालय से पढने का मन बना लिया और वहाँ चले गए| याहा बहुत ही कम समय में यह छात्र नेता बन गए और जब तक वहाँ पढाई की तब तक छात्र वही रहे| प्रताप पूरी जी पढाई बहुत होशीयार थे एक बार परिक्षा व्याकरण विषय में 100 में से 99.50 नंबर आये तो इन्होने अपने गुरुकुल में बताया की मेरी कापी को सही से जाँची नही है तो वहाँ के आचार्य ने पूछा ऐसा क्या हुआ तो इन्होने बताया की मेरा आधा नंबर काट दिया मुझे कापी दुबारा रीचेक करवानी है| तब आचार्य ने इनको समझाया तब जा के माने|
प्रताप पूरी को खेल में बहुत रुचि रखते थे एक बार कबड्डी खेल रहे थे जब वो रेड के लिए विपक्ष में गए तो इन्होने यहाँ पर बहुत बड़ा जम्प लगाया तो इनका पाँव विपक्ष के खिलाड़ी के हाथ में आ गया जिसकी वजह से प्रताप पूरी जी हाथो के बाल नीचे गिरे जिससे इनका हाथ फ्रैक्चर हो गया| जिसके बाद इनके साथी इन्हे हॉस्पिटल लेके गए वहा डॉक्टर ने इन्हे भर्ती कर दिया| और इनके हाथ के इलाज के लिए डॉक्टर ने जब इनको बेहोश का इंजेक्शन दिया तो उसका इन पे कोई प्रभाव नही हुआ| तब डॉक्टर भी विचार करने लगा इंजेक्शन का कोई प्रभाव नही हुआ तब डॉक्टर इनको दूसरा इंजेक्शन लगाने लगा तब प्रताप पूरी ने डॉक्टर से कहा बिना इंजेक्शन लगाए ही वो उनका इलाज करे तब डॉक्टर ने उनका इलाज बिना इंजेक्शन दिए हुए किया और थोड़े टाइम बाद वो ठीक हो गये| और उसके बाद इन्होने खेल के प्रति अपनी रुचि कम कर दी |
प्रताप पूरी जी महाराज राजनीतिक शुरुआत
प्रताप पूरी महाराज राजनीति में वैसे तो पहले से ही सक्रीय थे लेकिन किसी पार्टी को ज्वाइन नही किया था| प्रताप पूरी जी ने साल 2018 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया और राजस्थान के पोखरण से विधानसभा चुनाव लड़े और हार गए| जबकि इस चुनाव कांग्रेस के शाले मोहम्मद ने इनको 872 वोटों से हराया था| उसके बाद ये राजनीति में पूरी तरह से सक्रीय हो गए और उसके बाद इन्होने कई बार सनातन धर्म को आगे बढ़ाने में लग गए|
उसके बाद फिर से दूसरी बार 2023 में भारतीय जनता पार्टी की और से राजस्थान के पोखरण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और 3 दिसम्बर 2023 को राजस्थान चुनाव का परिणाम जारी हुआ| इस चुनाव में महंत प्रताप पूरी जी महाराज ने रिकॉर्ड तोड़ 35782 भारी मतों से जीते|