
भारत में गर्मियों की तपन में भारत में एयर कंडीशनर (AC) अब जीवनशैली का अहम हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन इनकी बढ़ती खपत से बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे न सिर्फ बिजली संकट गहरा रहा है, बल्कि पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार जल्द ही एसी के तापमान को लेकर सख्त नियम लागू करने जा रही है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में घोषणा की कि नए नियम के तहत कोई भी एसी अब 20 डिग्री सेल्सियस से कम या 28 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर सेट नहीं किया जा सकेगा। यह नियम सिर्फ घरों और दफ्तरों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वाहनों के AC पर भी लागू होगा।
नए नियम की वजह
ऊर्जा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी पंकज अग्रवाल के अनुसार, AC का तापमान हर एक डिग्री बढ़ाने से करीब 6% बिजली की बचत होती है। सरकार का अनुमान है कि अगर यह नियम सफलतापूर्वक लागू हो गया तो 2035 तक करीब 60 गीगावाट की चरम बिजली मांग घटाई जा सकती है। इसका अर्थ यह है कि देश को नई बिजली परियोजनाओं और ग्रिड विस्तार पर लगभग 7.5 ट्रिलियन रुपये खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसका फायदा न सिर्फ सरकार को होगा, बल्कि आम लोगों को भी बिजली के बिल में राहत मिल सकती है।
एसी यूजर्स के लिए नए नियम
एसी निर्माता कंपनियों को अपने सॉफ्टवेयर या प्रोग्रामिंग में बदलाव करने होंगे। नई मशीनें पहले से ही 20-28 डिग्री सेल्सियस के बीच प्रीसेट होंगी। पुरानी मशीनों के लिए भी फर्मवेयर अपडेट या सर्विस की सलाह दी जा सकती है। घर, दफ्तर, मॉल, थिएटर, स्कूल, अस्पताल और यहां तक कि गाड़ियों के एसी पर भी ये लिमिट लागू होगी।
नए नियम के फायदे
जब एसी का तापमान 20°C के बजाय 24°C या उससे ऊपर रखा जाता है, तो कंप्रेसर पर कम दबाव पड़ता है। इससे बिजली की खपत घटती है और बिल में सीधी बचत होती है। कम बिजली खपत का मतलब है कम कोयला या गैस आधारित बिजली उत्पादन। इससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा और जलवायु परिवर्तन की रफ्तार पर थोड़ी लगाम लगाई जा सकेगी। अगर बिजली की मांग कम होगी, तो सरकार को नए पावर प्लांट बनाने पर अरबों-खरबों रुपये खर्च नहीं करने पड़ेंगे। ये पैसा देश के अन्य विकास कार्यों में लगाया जा सकेगा।
भारत की जलवायु के लिहाज से 24-26°C तापमान पूरी तरह आरामदायक होता है। तापमान जितना कम रखा जाए, उतनी ज्यादा बिजली खपत होती है। कंपनियां नई तकनीकों जैसे इन्वर्टर एसी, स्मार्ट सेंसर्स आदि का इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे कम तापमान पर भी बेहतर कूलिंग मिलती है
वाहनों पर कैसे लागू होगा नया नियम
वाहनों में एसी अक्सर 16-18°C पर चलाए जाते हैं। सरकार के नए आदेश के तहत कार, बस, ट्रक, टैक्सी सब पर यह सीमा लागू होगी। हालांकि, शुरू में यह नियम निजी वाहनों पर लागू करने में थोड़ी ढील दी जा सकती है, लेकिन धीरे-धीरे इसे अनिवार्य किया जाएगा।
एसी इंडस्ट्री कंपनियों को सॉफ्टवेयर अपडेट करने होंगे। उत्पादों की कीमत थोड़ी बढ़ सकती है। बिजली मांग में कमी आएगी। ग्रिड पर लोड घटेगा। ऊर्जा मंत्रालय इन नियमों के पालन की सख्त निगरानी करेगा। जो कंपनियां या संस्थान इस नियम को तोड़ेंगे, उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, आम नागरिकों पर फिलहाल कोई सीधा जुर्माना नहीं होगा, लेकिन उनसे सहयोग की अपेक्षा की जा रही है।
एसी को 24-26°C पर सेट करें। इन्वर्टर एसी का उपयोग करें जो कम बिजली खपत करता है। कमरे को सील रखें, ताकि ठंडी हवा बाहर न निकले। भारत सरकार का यह कदम ऊर्जा बचत, पर्यावरण सुरक्षा और आर्थिक लाभ की दिशा में एक दूरदर्शी निर्णय है। अगर इसे सही तरह से लागू किया गया, तो इससे देश को न सिर्फ अरबों रुपये की बचत होगी बल्कि यह ग्रीन फ्यूचर की ओर भी बड़ा कदम साबित होगा।
इसलिए अगर आप भी एसी इस्तेमाल करते हैं तो अब से ही 24-26°C का तापमान सेट करने की आदत डाल लें -यह आपकी सेहत जेब और पर्यावरण तीनों के लिए फायदेमंद है।